हवालबाग विकासखंड के गोविंदपुर में पार्थिव पूजा और भव्य भंडारे और भक्तिमय आयोजनों के बीच शिव पुराण का किया गया। शनिवार शिव पुराण समापन के दिन आरती, हवन, यज्ञ, भजन कीर्तीन आयोजन रहेंगे।
गोविंदपुर कृष्ण मंदिर में शनिवार 11 फरवरी को शिव पुराण का समापन हुआ। शिव पुराण के समापन दिवस पर सवा लाख शिवलिंगों की पार्थिव पूजा की गयी। दिन भर भजन-कीर्तीन, पूजा-पाठ के बीच भव्य भंडारे का भी आयोजन किया गया। बीते 10 दिनों से आयोजित शिव पुराण में पूजा-पाठ, प्रातः कालीन आरती, मूल पाठ, कथावाचयन, सांय कालीन आरती, और रात में भजन-कीर्तीन सहित तमाम भक्तिमय आयोजन किये गये। दिन में कथा का आयोजन किया गया। यहां कथावाचक जागेश्वर के लाल बाबा के प्रवचनों को सुनने के लिए दूर दराज के गांवों से लोग पहुंचे।
आयोजन के नवे दिन यानि गुरूवार की शाम को गोविंदपुर की नाना कोसी नदी के त्रिवेणी घाट पर 11 सौ दिये जलाये गये। यहां पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं ने त्रिवेणी घाट पर दिये जला कर अपनी व परिवार की खुशहाली की कामना की।
आयोजन के समापन के अवसर पर सवा लाख शिवलिंगों की विधि विधान से पार्थिव पूजा की गयी। इसके लिए महिलाओं ने 10 दिनों तक व्रत रखकर पारंपरिक परिधानों में सावा लाख शिवलिंगों को बनाया। आयोजन को सफल बनाने के लिए डांगीखोला, वजगल, ओडला, पठ्यूरा, पणकोट, गोविन्दपुर सहित आसपास के ग्रामीण इलाको से बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरूष और स्थानीय ग्रामीण पहुंच रहे हैं।
शिव पुराण को सफल बनाने के लिए आयोजन अध्यक्ष कैलाश चंद्र तिवारी, यजमान रमेश भंडारी, भूबन लोहनी आचार्य, मंदिर पुजारी शिव दत्त तिवारी, ललित तिवारी, वीरेन्द्र चिल्वाल, महेन्द्र बिष्ट, महेश डांगी, गणेश जोशी, भूपाल चिल्वाल, कैलाश तिवारी, दीपा देवी, गीता देवी, माया देवी, भावना देवी सहित क्षेत्र की काम कर रही है।