बलवंत सिंह रावत
रानीखेत। 1 जनवरी को शुरू हुई पहले अग्निवीर बैच की ट्रेनिंग अपने दूसरे हफ्ते में चल रही है। भारतीय सेना से जुड़े इन जवानों को रानीखेत के परमवीर चक्र मेजर सोमनाथ शर्मा ऐतिहासिक मैदान में उच्च प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
ब्रिगेडियर आईएस सम्याल ने बताया कि दिसंबर में रिपोर्ट कर चुके पहले अग्निवीर बैच की ट्रेनिंग 1 जनवरी से शुरू कर दी गई थी, और दूसरा बैच मार्च 2023 तक रिपोर्ट करेगा, जिसकी ट्रेनिंग उसके बाद जल्द ही शुरू हो जाएगी। 2023 के पहले भाग में 1150 अग्निवीर केंद्र में रिपोर्ट करेंगे।
प्रशिक्षण बटालियन कमांडर केआरसी, कर्नल विक्रम जीत सिंह ने बताया कि इस ऐतिहासिक मैदान में शारीरिक कसरत, ड्रिल, फायरिंग और विभिन्न खेलों का प्रशिक्षण दिया जाता है। मैदान का एक बड़ा भाग दौड़ और ड्रिल की तैयारी के लिए इस्तेमाल होता है, और कुछ अन्य भागों में जिमनेजियम है और दो इनडोर हाल भी है, जिससे खराब मौसम में भी जवानों का प्रशिक्षण चलता रहे। बारिश के समय में ड्रिल के प्रशिक्षण के लिए एक ट्रेनिंग शेड मैदान के दूसरे छोर पर बनाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मैदान के एक भाग में समुचित ट्रेनिंग का क्षेत्र है, जहां छोटी और लंबी दूरी को फायरिंग माइंड लेइंग, नेटफायरिंग और फील्ड इंजीनियरिंग का अभ्यास किया जाता है।
बताते चलें कि अग्निवीर का प्रशिक्षण बेसिक और एडवांस, दो चरणों में होता है। बेसिक प्रशिक्षण के पहले जवानों को सुपीरियर ओजी कंबल, मच्छरदानी, तौलिया, ओ जी ग्राउंड सीट, ड्रिल के लिए खाकी ट्राउजर, एंकल बूट ( डीएमएस), खाकी शर्ट, ऊंची एड़ी के बूट, खाकी ऊनी जर्सी, पीटी सूट, ऊनी सॉक्स (ओ जी), शॉर्ट्स (केडी), पानी को बोतल, अंडरपैंट, क्लोथिंग कार्ट और कुछ दैनिक प्रयोग की चीज़ें दी जाती हैं।
वहीं ट्रेनिग कर रहे अग्निवीर रंगरूट ने बताया कि ट्रेनिंग कैंप में परिवार जैसा माहौल है। प्रशिक्षक बहुत ही सहायक हैं। खाने और रहने की उच्च सुविधाएं उपलब्ध है। मुझे विश्वास है कि यहां प्रशिक्षण पाने से हमारे बचपन का सपना साकार होगा और हम सभी भारतीय सेना की सेवा के लिए एक सक्षम सैनिक बनेंगे।