भारतीय प्रशासनिक सेवा, उत्तराखंड के सभी अधिकारी एक दिन का वेतन मुख्मंत्री राहत कोष में जमा करेंगे। जोशीमठ में आई आकस्मिक आपदा से प्रभावितों को सहयोग करने के लिए उक्त सभी अधिकारी जनवरी महीने में एक दिन का वेतन सीएम राहत कोष में जमा करेंगे। भारतीय प्रशासनिक सेवा संघ उत्तराखंड अध्यक्ष आनन्द वर्द्धन ने वित्त विभाग के सचिव को भारतीय प्रशासनिक सेवा, उत्तराखंड के समस्त अधिकारियों के जनवरी माह में एक दिन के वेतन की कटौती कर मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने के लिए पत्र लिखा है।
इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया था।
आपको बता दें कि जोशीमठा में आपदा प्रभावितों को राज्य सरकार की ओर से प्रति परिवार विस्थापन के लिए अग्रिम 1.00 लाख तथा सामान इत्यादि ले जाने के लिये रू 50 हजार अर्थात कुल रू 1.50 लाख धनराशि आंवटित किये जाने का शासनादेश निर्गत किया जा रहा है। 131 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं।
जोशीमठ में 131 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 462 है। अस्थायी रूप से जोशीमठ में कुल 344 कमरे है जिनकी क्षमता 1425 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कमरे है जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है । उन्हें चिहिन्त कर लिया गया हैं। प्रभावितों को वितरित राहत राशि के तहत प्रति परिवार रू 5000 की दर से घरेलू राहत सामाग्री हेतु अभी तक कुल 53 प्रभावितों को वितरित की गई है। तीक्ष्ण/पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन हेतुः 10 प्रभावितों को 13.00 लाख रूपये धनराशि वितरित की गई है। सचिव आपदा प्रबन्धन ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रति परिवार विस्थापन हेतु अग्रिम के रूप में रू 1.00 लाख तथा सामान इत्यादि ले जाने के लिये रू 50 हजार अर्थात कुल रू 1.50 लाख धनराशि आंवटित किये जाने का शासनादेश निर्गत किया जा रहा है। जनपद चमोली में राहत एवं बचाव कार्यों के लिये धनराशि रू 11.00 करोड़ पूर्व में ही अवमुक्त की जा चुकी है। जोशीमठ में ड्रेनेज सम्बन्धित कार्यों तथा टो-इरोजन की रोकथाम हेतु तत्काल कार्य प्रारम्भ किये जाने के उददेश्य से ई०पी०सी० मोड में कार्य करवाने के लिये सिंचाई विभाग से प्रस्ताव प्राप्त करते हुये अग्रेत्तर कार्यवाही की जा रही है। जोशीमठ में आपदा प्रभावित एच०टी०/एल०टी० लाईनों एवं परिर्वतकों को स्थानान्तरित किये जाने हेतु ऊर्जा विभाग को धनराशि रू 214.43 लाख अवमुक्त की जा रही है। सचिव आपदा प्रबंधन ने जानकारी दी कि अभी तक 723 भवनों की संख्या जिनमें दरारें दृष्टिगत हुई है। गांधीनगर, सिंहधार, मनोहरबाग, सुनील क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 86 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है।