अल्मोड़ा। हवालबाग विकासखण्ड के सरना गांव में मंगलवार देर रात बड़ा हादसा होने से बच गया। सरना गांव निवासी कमल तिवारी गुलदार के हमले में बाल-बाल बचे।
हवालबाग विकासखंड के दर्जनों गांवों में गुलदार ने आतंक मचाया है। मंगलवार देर रात 10 बजे सरना गांव के कमल फोन में बात करते कमरे से बाहर निकले कि तभी छत में घात लगाकर बैठे गुलदार ने उन पर हमला कर दिया। घात लगााकर छत पर बैठे गुलदार ने कमल को दबोचने के लिए छलांग लगाई। लेकिन हमलावार गुलदार पर नजर पड़ते ही कमल नीचे बैठ गये। डरे-सहमे ग्रामीण ने शोर मचाया तो गुलदार रूक गया। इस बीच मौका देख कर ग्रामीण भीतर घुस गया।
घटना के बाद दहशत में आये ग्रामीणों ने शीतलाखेत वन क्षेत्र के रेंजर मोहन राम आर्या को सूचना दी। बुधवार को वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। विभागीय टीम ने मौका मुआईना कर ग्रामीणों को अलर्ट रहने के दिशा-निर्देश दिये।
विकासखण्ड में आसपास के गांवों में गुलदार की धमक देखते हुए ग्रामीणों ने गुलदार को पकड़ने की मांग तेज कर दी है। हमले में बाल-बाल बचे कमल तिवारी के पिता तारा दत्त तिवारी ने कहा कि बीते रोज गुलदार के हमले के बाद भय का माहोल बना हुआ है। क्षेत्र के आनन्द लाल, रमेश सिंह लटवाल ने पिंजरा लगाने की मांग की है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य बिपिन गुरूरानी ने कहा कि गुलदार का आतंक नहीं रोका गया तो क्षेत्र की जनता आन्दोलन करेगीं।
क्षेत्र पंचायत सदस्य गोपाल गुरूरानी ने कहा कि क्षेत्र में लगातार गुलदार का आतंक बढ़ता जा रहा है। यहां ढटवालगांव, सैंज, रैंगल, बलम, पतलिया, कुमान, सिद्धपुर, सरना, डोबा, जूड़ और कफून गांवों में रोज एक जानवर को गुलदार अपना निवाला बना रहा है। गोपाल गुरूरानी ने क्षेत्र में पिंजरा लगाने की मांग की है।
वहीं शीतलाखेत वन क्षेत्र के रेंजर मोहन राम आर्या ने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत पर वन विभाग की टीम मौका मुआईना के लिए भेजी गयी। ग्रामीणों को सुबह, शाम और रात को एहतियात बरतने के लिए कहा गया है। विभागीय टीम गुलादार को लेकर जांच करेगी और आवश्यक हुआ तो उच्चाधिकारियों को पिंजरा लगाने के लिए रिपोर्ट भेजी जायेगी