अल्मोड़ा के दर्जनों गांवों में पशुओं को लगी अज्ञात बीमारी…. काश्तकारों में हड़कंप

अल्मोड़ा के दर्जनों गांवों में पशुओं को लगी अज्ञात बीमारी…. काश्तकारों में हड़कंप

अल्मोड़ा। हवालबाग विकासखंड के दौलाघट क्षेत्र के दर्जनों गांव में गौवंशीय पशु अज्ञात बीमारी सेे जूझ रहे हैं। क्षेत्र के गांवों में कुछ पशुओं की मौत हुई है। जबकि दर्जनों पशु बीमारी से ग्रसित हैं। एक के बाद दूसरे गांव में फैल रही बीमारी से पशुपालक और काश्तकार परेशान हैं।
हवालबाग विकासखंड के दौलाघट क्षेत्र में रमणां, पणकोट, उजला, बजगल, पठ्यूरा, खाई कट्टा, डांगीखोल, रणखिला, गल्ली बस्यूरा, और चिनौना, रिखे, सिलानी और केस्ता सहित आसपास के गांवों में पशु अज्ञात बीमारी से जूझ रहे हैं। बीते एक पखवाड़े से क्षेत्र में फैली अज्ञात बीमारी के बाद पशु खाना-पीना छोड़ रहे हैं। और फिर एक हफ्ते के बाद पशुओं के शरीर में दाने निकल आ रहें हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कमजोर और छोटी उम्र के कुछ पशुओं ने दम तोड़ रहे हैं। स्वस्थ्य पशु बीमारी के बाद उबर कर अपने आप ठीक भी हो रहें हैं।

पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य रिखे महेन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा कि क्षेत्र में पशुओं के बीमार होने के मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में बीमार पशुओं की जांच कराने की और बीमार पशुओं के लिए दवाई देने की मांग की। ग्रामीण जनप्रतिनिधि ने ग्राम सभाओं पर कैंप लगाने की मांग की।

वहीं दौलाघट पशु अस्पताल के पशुचिकिसाधिकारी मनोज पांडे ने बताया कि पशुओं की बीमार होने की सूचना मिल रही है। कुछ लोग पशुओं के मृत होने की सूचना भी दे रहे हैं। लेकिन पशुओं के मारे जाने को लेकर ग्रामीणों ने डॉक्यूमेंट में सूचना नहीं दी है। उन्होंने बताया कि सिलानी, दौलाघट और गोविंदपुर में काश्तकारों और पशुपलकों के लिए कैंप आयोजित किया है। जबकि डांगीखोला और पत्थर कोट में कैंप लगाया जायेगा।

ये हो सकती है बीमारी –
पशु चिकित्साधिकारी मनोज पांडे ने बताया कि मौसम बदल रहा है। ऐसे में पशुओं को सीजनल बीमारी का खतरा बना रहता है। पशुओं को वायरल, फीवर, और थनेला जैसी बीमारी हो सकती है।

एक्सपर्ट की राय –
पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए पशु चिकित्साधिकारी मनोज पांडे ने एक्सपर्ट राय देते हुए कहा कि स्वस्थ्य जानवरों को बीमार जानवरों से अलग रखें। बीमार जानवरों को खुले में बाहर न छोड़ें। ऐसा करने से बीमारी दूसरे स्वस्थ्य पशुओं में फैल सकती है। वहीं उन्होंने कहा कि जानवरों को कीचड़ और गंदगी से दूर रखें। गंदगी में रहने से भी पशु बीमार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप और टीकाकरण का काम भी किया जा रहा है।

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