कुंजगढ़ नदी पुनर्जन्म के उपलक्ष्य में पुनर्जन्म पर कार्यशाला आयोजित।

कुंजगढ़ नदी पुनर्जन्म के उपलक्ष्य में पुनर्जन्म पर कार्यशाला आयोजित।

रिपोर्ट – बलवन्त सिंह रावत

रानीखेत: कुंजगढ़ नदी पुनर्जन्म के उपलक्ष्य में नदी पुनर्जन्म पर कार्यशाला कार्यक्रम सोनी बिनसर महादेव के सभागार मे आयोजित किया गया। जिसमे अल्मोड़ा कैंपस के प्रोफेसर जीवन सिंह रावत मुख्य अतिथि के तौर पर पहुँचे। भाजपा महिला मोर्चा द्वारा मुख्य अतिथि को पुष्प गुच्छ भेट कर स्वागत किया।

प्रोफेसर जीवन सिंह रावत संकल्पना एंव कार्य योजना के प्रारूप के बारे मे बताते हुए कहा कि उत्तराखंड की जितनी भी गहरे पानी की वर्षा पोषित नदियां है, वो सभी संकट में हैं। नदियां एक बाद एक सदाबहार से मौसमी नदियों में बदलती जा रही है। इनमें दो महत्वपूर्ण नदियां कोसी और गगास नदी भी है। गौला नदी भी जल्द मौसमी नदी में बदलती जा रही है। आने वाले 10–15 सालों में जल संकट का भी अनुमान लगाया जा रहा है। यहां बिनसर महादेव में कुंजगढ़ नदी है, जिसका उदगम बिनसर से एक किलोमीटर पहले होता है। मैं पांच साल पहले यहां आया था, तो मैंने देखा कि इसका पानी कम होता जा रहा है, तभी से मैंने इसकी कार्य योजना प्रारंभ की। आज इसी परियोजना के प्रारंभ के लिए इसके बारे में सभी को बताने का मुझे मौका मिला है। नदी के पुनर्जीवन के लिए उसके रिचार्ज जोन के बारे में भी गांव वालो को बताया गया। मुझे खुशी है कि यहां के ग्रामीण नागरिक और स्वयं सेवी संस्थाएं जागरूक है, और इस कार्य में काफी रुचि से भाग ले रहे हैं। मुझे आशा है कि आगे भी वे अपना पूरा सहयोग देंगे और इस कार्य को आगे बढ़ाएंगे, और कुंजगढ़ को पुनर्जीवित करेंगे। कुंजगढ़ नदी आगे चलकर कोसी नदी में मिल जाती है, जोकि गंगा की सहायक नदी है, और भुजान में कुंजगढ़ नदी में पानी बिलकुल खत्म हो चुका है। इसीलिए कुंजगढ़ नदी को पुनर्जीवित करना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि बिनसर महादेव हमारा एक बहुत ही ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है। इसे पर्यटन स्थल के रूप में भी बहुत ही तेजी से विकसित किया जा रहा है। सरकार को इस परियोजना को बहुत ही गंभीरता से लेना चाहिए। इस कुसगढ़ नदी के जलागम में 26 ग्राम सभाएं लाभान्वित होगी। जिनमें से बहुतों ने आज इस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उनसे मुझे आशा है कि जो 14 रिचार्ज जोन चुने गए हैं, वे इन पर मंथन करेंगे और अपने अपने निर्धारित रिचार्ज क्षेत्रों में नदी के पुनर्जीवन के लिए आज ही से योगदान देंगे।

इस कार्यक्रम मे प्रकाश जोशी, सचिव (होप) एंव समन्वयक, गीता रावत , वन वीट अधिकारी, बलवन्त सिंह भंडारी, तारा सिह सहित अनेको ग्रामीण जनता उपस्थित रही।
कार्यक्रम का संचालन विमला रावत ने किया।

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