सोमेश्वर। सोमेश्वर पुलिस ने गुमशुदा चार बच्चों को घने जंगल से बरामद किया है। पुलिस ने दुर्गम कांटली और पिनाकेश्वर के जंगलों में घनी खोजबीन के बाद डरे-सहमे चार बच्चों को जंगल से बरामद किया। बच्चें टैंट के अन्दर एक चारपाई में डरे-सहमे छिपे हुए थे। फिलहाल पुलिस ने बच्चों को उनके परिजनों को सौंप दिया है।
मामला सोमेश्वर से लगभग 30 किलोमीटर दुर्गम क्षेत्र कांटली गांव का है। जहां नेपाली मूल के कर्ण बहादुर खत्री ने अपने तीन बच्चों को डांट लगाई। इसके बाद कर्ण बहादुर के तीन बच्चे पड़ोंसी जगदीश राम की 10 साल की बेटी के साथ कहीं गायब हो गये। काफी ढूंढखोज के बाद बच्चे नहीं मिले। इसके बाद कर्ण बहादुर ने सोमेश्वर पुलिस का मामले की जानकारी दी। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एसएसपी अल्मोड़ा के निर्देश पर थानाध्यक्ष विजय सिंह नेगी ने 2 टीमों का गठन कर काँटली व पिनाकेश्वर के जंगलों में सघन कांबिंग अभियान चलाया। इस दौरान जंगल से पुलिस टीम को बाघ की गुर्राने की आवाज भी सुनाई दी। जिस पर पुलिस टीम को भी बच्चों के साथ किसी अनहोनी की आशंका होने लगी, पुलिस टीम बच्चों की ढूढ-खोज अभियान को जारी रख जंगल में आगे को बढते रही। तभी। पुलिस टीम को दूरस्थ एक टैन्ट लगा हुआ दिख। जहां पुलिस टीम ने जाकर देखा तो टैन्ट के अन्दर एक चारपाई रखी थी। जिसके नीचे चारों बच्चे डरे सहमे छुपे हुये थे। पुलिस टीम ने बच्चों से पूछताछ की तो बच्चों ने बताया कि वह अपने नानी के घर नेपाल जाने के लिए घर से निकले थे। जंगल में आते-आते रास्ता भटक गये थे। इस दौरान बच्चों को जंगल में बाघ दिखाई दिया। जिसके बाद बच्चे डर के मारे टैंट में छिप गये। बच्चों ने बताया कि रात से ही बाघ उनके टैन्ट के आस-पास ही घूम रहा था तथा कुछ देर टेन्ट के आगे बैठा भी था।
थानाध्यक्ष विजय सिंह नेगी व पुलिस टीम ने बच्चों को अपने साथ लेकर सकुशल उनके परिजनों के सुपुर्द किया। सोमेश्वर पुलिस के काम से खुश होकर एसएसपी अल्मोड़ा ने पुलिस टीम को सम्मानित करने की बात कही है।