विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तदर्थ कर्मियों को दिया जोर का झटका

विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तदर्थ कर्मियों को दिया जोर का झटका

नई दिल्ली। उत्तराखण्ड विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में हटाए गये कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला है। नैनीताल हाई कोर्ट की डबल बेंच के निर्णय के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट गये कर्मचारियों की याचिका खारिज हो गयी है। फैसले के बाद 228 तदर्थ कर्मियों को गहरा झटका लगा है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले को बरकरार रखा और तदर्थ कर्मियों की याचिका को खारिज कर दिया। तदर्थ कर्मियों के वकील विमल पटवालिया ने कोर्ट में याचिका पेश की। न्यायाधीश संजीव खन्ना व सुंदरेश ने महज 2 मिनट में ही याचिका को खारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने वकील की ओर से 2016 से पहले की गई नियुक्तियों का मामला उठाने पर कड़ी फटकार भी लगाई।

बैकडोर भर्ती मामले में तदर्थ कर्मियों की ओर से मनु सिंघवी को भी पैरवी करनी थी। लेकिन सिंघवी कोर्ट नहीं पहुंच पाए। जबकि विधानसभा सचिवालय की ओर से अमित तिवारी ने पैरवी की। इस पूरे मामले में भारत सरकार में सालिस्टर जनरल तुषार मेहता ने कई पहलुओं पर सटीक राय दी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि तदर्थ कर्मियों के मामले में न्याय संगत कार्यवाही की गयी है। स्पीकर ऋतु खंडूरी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को न्याय की जीत बताया।

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