उत्तराखंड। रामनगर में झोलाछाप डॉक्टर को अपना मर्ज दिखाने की कीमत किशोरी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। रामनगर के पीरू मदारा के पास बंगाली क्लीनिक में इंजेक्शन लगाने के बाद युवती की मौत हो गयी।
मामला रामनगर के पीरुमदारा क्षेत्र के भगतपुर मड़ियाल निवासी दीपिका नेगी पीलिया हो गया था। 16 साल की युवती के इलाज के लिए उसके परिजन पीरु मदारा के पास बंगाली क्लीनिक पर लाए। जहां चिकित्सक ने उपचार के दौरान युवती को इंजेक्शन लगाया। घर पहुंचने के बाद युवती की तबीयत बिगड़ने लगी और उसके पैरों पर गंभीर सूजन आ गया। लगातार हालत बिगड़ने के बाद युवती के परिजन उसे एक बार और बंगाली क्लीनिक लेकर आये। यहां बंगाली डॉक्टर ने पैर में सूजन का कारण फोड़ा-फुंसी के कारण होना बताया।
किशोरी को परिजन वापस घर ले आये। लेकिन उसके पैर का सूजन बढ़ता गया और हालत गंभीर हो गयी। इसके बाद परिजन युवती को अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां किशोरी को मृत घोषित किया गया। किशोरी की मौत के बाद आक्रोशित परिजन और ग्रामीण झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पहुंचे। लेकिन झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक से फरार हो गया।
सूचना मिलने पर पुलिस पुलिस अस्पताल पर पहुंची जहां मृतका का शव रखा गया था। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। और पुलिस कार्यवाही में जुटी है। आपको बता दे कि रामनगर और आसपास के क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों के चलते कई लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग कई बार इन झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चला चुका है। अभियान चलाने के बावजूद भी झोलाछाप डॉक्टर अपना किलीनिक चला रहे हैं तो ये सोचने को विषय है।