अल्मोड़ाः स्कूल से लौट रही शिक्षिका ने पिंजरे में फंसा देखा गुलदार….. फिर ये हुआ….

अल्मोड़ाः स्कूल से लौट रही शिक्षिका ने पिंजरे में फंसा देखा गुलदार….. फिर ये हुआ….

अल्मोड़ा। हवालबाग विकासखंड के रैंगल गांव में गुलदार पिंजरे में कैद हुआ है। बुधवार दोपहर रैंगल गांव में कोट के गधेरे के पास गुलदार पिंजरे में कैद दिखाई दिया। गुलदार को देखते ही ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गयी। फिलहाल वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच चुकी है।

हवालबाग विकासखंड के गुलदार प्रभावित क्षेत्र रैंगल में ग्रामीणों को गुलदार की दहशत से राहत मिली है। यहां प्राथमिक पाठशाला रैंगल में छुट्टी के बाद अल्मोड़ा लौट रही शिक्षिका को सड़क के किनारे गुलदार पिंजरें में फंसा दिखाई दिया। स्कूल से अल्मोड़ा लौटते समय करीब 1 किलोमीटर दूर कोट के के पास गुलदार की आवाज सुनकर शिक्षिका घबरा गई। इसी दौरान शिक्षिका को सड़क के पास गधेरे में लगें पिंजरे में गुलदार दिखाई दिया। शिक्षिका ने इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी जिसके बाद कोट के गधेरे के पास पिंजरे में फंसे गुलदार को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गयी। इस दौरान ग्रामीणों ने गुलदार के पिंजरे को कपड़े से ढक कर वन विभाग को मामले की सूचना दी। फिलहार वन विभाग की टीम मौके की ओर रवाना हो गयी है। हालांकि ग्रामीणों के लिए राहत की खबर ये है कि जो गुलदार पिंजरे में कैद हुआ है उसके कैनाइन यानि दांत टूटे हैं। ऐसे में यह गुलदार ग्रामीण लोगों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता था।
ग्रामीणों ने बताया कि रैंगल के साथ डोबा, सरना, बलम, सैंज, सिद्धपुर, कुमान, जूड़ कफून थाट सहित आसपास के गांवों में गुलदार का आतंक छाया है। समाज सेवक भीम सिंह रौतेला ने बताया कि रैंगल गांव में महीने में 4 से 5 मवेशियों को गुलदार अपना निवाला बना लेता है। ऐसे में गुलदार के पिंजरे में फंसने से ग्रामीणों ने कुछ राहत की सांस ली है। ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग ने 21 अप्रैल को कोट के गधेरे के पास पिंजरा लगाया गया। यहां बीते रोज 25 अपै्रल को पिंजरे में शिकार डाला गया। जिसे खाने के प्रयास में गुलदार पिंजरे में कैद हुआ है।

मौके पर पहुंचे रैंजर मोहन राम आर्या ने बताया कि रैंगल गांव में लगाये पिंजरे में गुलदार कैद हुआ है। पिंजरे में कैद गुलदार 7 से 8 साल का है। गुलदार काफी उत्तेजित दिखाई दे रहा है। बीते दिनों यहां पर दो बाइक सवारों पर गुलदार ने हमला किया था। यहां पर बच्चों, महिलाओं और ग्रामीणों को खतरा देखते हुए पिंजरा लगाने की परमिशन ली गई थी। फिलहाल गुलदार को रैस्क्यू सैंटर भेजा जायेगा।

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