रिपोर्ट – बलवन्त सिंह रावत
रानीखेत: ताड़ीखेत विकासखण्ड अंतर्गत सिंगोली गांव में खेत मे घास काट रही महिला पर गुलदार ने हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया। परिवार व ग्रामीण द्वारा महिला को राजकीय चिकित्सालय रानीखेत में भर्ती कराया गया है। जहा डॉक्टर उनका ईलाज कर रहे है। वही ईलाज कर रहे डॉक्टर ने बताया कि घायल महिला के सर मे चोट लगी है, जिसमे लगभग 12 टाके लगे है।
बता दे कि आज प्रातः करीब साढ़े नौ बजे ताड़ीखेत विकास खंड अंतर्गत ग्राम सिंगोली में खेत में घास काट रही कमला देवी (65वर्ष) पत्नी स्व मोहन सिंह को गुलदार ने हमलाकर बुरी तरह ज़ख़्मी कर दिया। शोर मचाने पर गुलदार भाग खड़ा हुआ। घायल महिला को यहां गोविन्द सिंह माहरा राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
कमला देवी के पुत्र नन्दन सिंह पवार ने कहा कि सुबह 8 बजे मैं अपनी गायों को चराने के लिए जंगल ले गया था। 9:30 बजे के आस पास मेरी मां घास काटने के लिए वहा आई थी। उस समय बाघ ने उन पर हमला कर दिया। उनके पूरे चेहरे और शरीर पर बाघ के पंजों के निशान है। अपने बचाव में उन्होंने बाघ के पंजे पर दराती से हमला कर दिया और बाघ वह से चला गया। ऐसी घटनाएं हमारे गांव में पहले भी हो चुकी है। हमें रेंजर साहब को इसकी जानकारी दे दी है, पर उनकी ओर से अभी तक कोई भी जवाब नहीं आया है।
वनक्षेत्राधिकारी तपश मिश्रा ने बताया कि ग्राम सिंगोली में जो घटना हुई है, हमें पता चला है कि नाप खेत में बाघ ने महिला पर हमला कर दिया है और इसके बारे में हमें पहले सूचना मिली है कि यहा पर पहले भी बाघ देखा गया है। हम अपने स्टाफ और टीम के साथ वहा पर गश्त और पेट्रोलिंग करेंगे। अगर वहा झाड़ियां ज्यादा है या और किसी अन्य चीज की आवश्यकता है, जिसके लिए प्रशासन से बात करनी पड़ेगी, और हम उनको पत्र लिखकर रेवेन्यू विभाग से बात करेंगे। उन्होनें कहा कि हम एक पत्र लिखकर पिंजरा लगाने की मांग भी करेंगे जैसे ही अनुमति मिल जाएगी हम पिंजरा लगा देंगे। जिससे की उसकी गतिविधियां पता कर उसको पकड़ने में आसानी हो। मुआवजे के संबंध में बताते हुए कहा कि क्योंकि वो अभी अस्पताल में एडमिट है और उनका इलाज चल रहा है, और सरकारी अस्पताल में ईलाज मुफ्त होता है, तो हम इस मामले में उनसे बात कर लेंगे। हमे जैसे की पता चला है कि कुछ इंजेक्शन उन्हे अलग से हल्द्वानी से लगवाने पड़ेंगे तो हम उसकी पूरी समुचित व्यवस्था करवाएंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता पद्मसम्भव सिंह परमार ने बताया कि हमारे गांव सिंगोली में हमारी ताई जी पर बाघ ने काफी घातक आक्रमण किया है। इससे पहले भी बाघ ने हमारे गांव के एक बुज़ुर्ग पर हमला किया था। कार्यवाही करने के नाम पर पिंजरे लगाए गए थे, पर कोई प्रखर उपाय नहीं दिखा। आज सुबह की इस घटना के बाद हमनें रेंजर साहब से संपर्क करने की कोशिश की, पर उन्होंने हमारे फोन नहीं उठाया। विभाग से कुछ लोग पहुंचे थे, और बहुत देर के बाद पटवारी महोदय भी हॉस्पिटल पहुंचे। वन विभाग की ओर से ग्रामीण जनता की परेशानियों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हमारी सुरक्षा के प्रति उनमें कोई चिंता नहीं दिख रही है। बीते कुछ ही समय में इस क्षेत्र में करीब 6 से ज्यादा बाघ के हमले के मामले सामने आ रहे है। पर वन विभाग इनपर अंकुश लगाने के लिए कोई निर्णय नहीं ले रही है। पर अब भी अगर इस मामले में जल्द से जल्द कार्यवाही नही की गई और पिंजरा नहीं लगाया गया, तो हम ग्रामीण रेंजर ऑफिस के सामने धरना देने के लिए जाएंगे। क्योंकि पीड़िता बहुत गरीब परिवार से है, इसलिए हमारी सरकार से विनती है कि उन्हें अपने इलाज के लिए जल्द ही मुआवजा दिया जाए।