अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव में संजू सिंह और आशीष जोशी का नामांकन अयोग्य ठहराया गया है। एसएसजे विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्णय के बाद अब एबीवीपी प्रत्याशी कृष्णा कुमार सिंह नेगी और एनएसयूआई के पंकज सिंह कार्की में सीधी टक्कर होगी। संजू सिंह का नामांकन खारिज होने से एनएसयूआई में मायूसी दिखी। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी आशीष जोशी का नामांकन अवैध होने पर उनकेे समर्थकों में विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा देखा गया।
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में नामांकन छटनी के बाद चुनावी समीकरण बदल गये हैं। नामांकन से पहले त्रिकोणीय होता दिखाई दे रहा छात्रसंघ चुनाव अब एबीवीपी और एनएसयूआई की सीधी टक्कर में बदल गया है। आपको बता दें कि चुनाव की तारीख घोषित होने पर एनएसयूआई संजू सिंह पर दांव खेलना चाहती थी। लेकिन लिंग दोह कमेटि के कड़े नियमों के चलते उनका नामांकन अयोग्य घोषित हो गया। एनएसयूआई को इस बात का अदेशा था जिसके चलते इस छात्र संगठन से डमी कैंडिडेट के तौर पर पंकज सिंह कार्की का भी नामांकन किया था। संजू सिंह का नामांकन अवैध होने के कारण अब पंकज सिंह कार्की एनएसयूआई के अधिकृत प्रत्याशी होंगे।
वहीं एबीवीपी से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर आशीष जोशी ने निर्दलीय ताल ठोकी थी। लेकिन यहां भी लिंग दोह कमेटि के कड़े नियमों ने आशीष जोशी और उनके समर्थकों का दिल तोड़ दिया। स्थानीय छात्र-छात्राओं के अनुसार आशीष जोशी एबीवीपी और एनएसयूआई के प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर देते दिखाई दे रहे थे। छात्र-छात्राओं सहित स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि आशीष जोशी का नामांकन अवैध नही होता तो चुनाव ज्यादा रोचक होता। आशीष जोशी का नामांकन अवैध होने के बाद आशीष जोशी और उनके समर्थको ंने एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा परिसर में जमकर हंगामा काटा। देर रात तक आशीष जोशी के समर्थक अपने नेता के समर्थन और विश्वविद्यालय प्रशासन के विरोध में नारेबाजी करते रहे।
वहीं उपाध्यक्ष पद पर पंकज फर्त्याल निर्विरोध चुने गये हैं। छात्रा उपाध्यक्षा पद में दिव्या जोशी और रूचि कुटौला चुनाव मैदान में हैं। सचिव के लिए गौरव भंडारी, नितिन खोलया में टक्कर देखने को मिलेगी। सचिव के लिए कमलेश कुमार अयोग्य ठहराये गये हैं। जबकि संयुक्त सचिव पद में करिश्मा और करिश्मा तिवारी चुनाव मैदान में हैं। वहीं कोषाध्यक्ष पद के लिए सविता दानू, अमित फर्त्याल, वैभव सिंह नेगी और भगवत प्रसाद आर्या