हाथ के पंजों से ही उखड़ रहा था डामर, घटिया गुणवत्ता पर ग्रामीणों ने रोका डामरीकरण

हाथ के पंजों से ही उखड़ रहा था डामर, घटिया गुणवत्ता पर ग्रामीणों ने रोका डामरीकरण

काकड़ीघाट-शीतलाखेत मोटर मार्ग में घटिया डामरीकरण पर स्थानीय ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काटा। यहां मटीला के पास ग्रामीणों ने अपने पंजों और जूतो से ही डामरीकरण की गुणवत्ता माप डाली। ग्रामीणों ने अपने हाथों के पंजों से सड़क पर हुआ डामर नोच डाला। आक्रोशित ग्रामीणों ने गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए डामरीकरण रोक दिया।

अल्मोड़ा के दूरस्थ गांवों को जोड़ने वाले काकड़ीघाट-शीतलाखेत मोटर मार्ग में डामरीकरण की खबर ने दर्जनों ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी ला दी। लेकिन काम शुरू होने के चार दिन बाद ही डामरीकरण की गुणवत्ता पर ग्रामीण आक्रोशित हो गये। मामला मटीला गांव का है। जहां पर बीते चार दिनों से काकड़ीघाट-शीतलाखेत मोटर मार्ग पर डामरीकरण किया जा रहा है। डामरीकरण के बाद से ही सड़क पर जगह-जगह पर डामर उखड़ने लगा। जिसके बाद ग्रामीणों ने सोमवार को मटीला में एकत्र होकर विरोध जताया। इस दौरान ग्रामीणों ने हाथों के पंजों और जूतों से डामर खुरच कर उखाड़ दिया। पंजो से डामर उखड़ता देख ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया। इसके बाद ग्रामीणों ने काम रोक दिया। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है पैदल चलने से भी डामर उखड़ रहा है। मामले में ठेकेदार से बात की तो ठेकेदार गुणवत्ता के लिए कम बजट को जिम्मेदार ठहरा रहा है। इस दौरान रमेश भंडारी, दीवान सिंह बिष्ट, हरीश बिष्ट, दीपक भंडारी, प्रताप बिष्ट, रोहित, राहुल, हिमांशु, लच्छू और महेन्द्र सहित करीब दो दर्जन ग्रामीण मौजूद रहे।

विभाग ने ठेकेदार को काम रोकने के दिये निर्देश
ग्रामीणों की नाराजगी के बाद अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई गणेश चन्द्र उपाध्याय साइट पर पहुंचे। हर कला न्यूज से बात करते हुए गणेश उपाध्याय ने कहा कि काकड़ीघाट-शीतलाखेत मोटर मार्ग में कोल्ड मिक्स डामरीकरण किया जाना है। फिलहाल ठंड की वजह से काम रोक दिया है। ठेकेदार को काम रोकने के निर्देश दिये गये हैं।

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