अल्मोड़ा। जंगलों को आग से बचाने और महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए ग्रामीण महिलाओं को पिरूल से कोयला बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हवालबाग विकासखंड के सैनार और तलाड़ गांव में महिलाओं को पिरूल से कोयला बनाने के लिए 3 दिवसीय प्रशिक्षण की शुरूआत हो गयी है। शुक्रवार से शुरू हुआ प्रशिक्षण रविवार तक चलेगा। इसमें सैनार व तलाड़ की एनआरएलएम समूह की महिलाओं को पिरूल से कोयला बनाने का कार्य शुरू करने के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया गया है।
परियोजना निदेशक चंदा फर्त्याल ने बताया कि चीड़ से गिरने वाला पिरूल जंगलों में आग लगने का सबसे बड़ा कारण है। इसको ध्यान में रखते हुए जिला मिशन प्रबन्धक इकाई एनआरएलएम अल्मोड़ा हवालबाग विकासखंड के सैनार और तलाड़ गांव में महिलाओं को 3 दिवसीय कोयला बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण में 31 महिलाएं पिरूल से कोयला बनाने का प्रशिक्षण ले रही हैं। प्रशिक्षण के बाद महिलाएं कोयला बनाने का कार्य शुरू करेंगी। इससे महिलाओं की आय बढ़ेगी और जंगलों में आग लगने की घटनाओं पर भी कमी आयेगी।