बिच्छू घास से कपड़ा बनाकर महिलाएं होंगी आत्मनिर्भर… रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल ने शुरू की नई पहल

बिच्छू घास से कपड़ा बनाकर महिलाएं होंगी आत्मनिर्भर… रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल ने शुरू की नई पहल

अल्मोड़ा/रानीखेत। पहाड़ों में उगने वाली बिच्छू घास अब पहाड़ी लोगों की आजीविका का साधन बनेगी। योजना को जमीन पर उतारने के लिए रानीखेत में काम शुरू हो गया है। रानीखेत में बिच्छू घास से रेशा, धागा और कपड़ा तैंयार करने के लिए बुधवार से प्रशिक्षण शुरू हो गया है।

शिविर का उद्घाटन आज स्थानीय विधायक प्रमोद नैनवाल, डा. बीवीआर सी पुरषोत्तम सचिव ग्राम्य विकास विभाग और विशेष कार्याअधिकारी पर्यटन विभाग भाषकर खुल्वें ने संयुक्त रूप से किया। प्रशिक्षण शिविर में महिला समूहों को बिच्छू घास से कपड़ा और चाय बनाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा। तीन चरणों में दिये जाने वाले प्रशिक्षण में ताड़ीखेत विकासखंड से 33 जबकि भिकियासैंण विकासखण्ड से 49 समूह व सहकारिता की महिला सदस्यों का चयन किया गया है। प्रशिक्षण से महिलाओं के साथ क्षेत्र की आर्थिकी का सुधार होगा।

प्रशिक्षण शिविर के शुभारंभ के अवसर पर रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल ने कहा कि बिच्छू घास से कपड़ा बनाने के लिए प्रशिक्षण तीन चरणों में आयोति किया जायेगा। इसमें 100 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रत्येक चरण का प्रशिक्षण 5 दिनों तक चलेगा। प्रशिक्षण के पहले चरण में महिलाओं को बिच्छू घास से रेशा निकालना, दूसरे चरण में धागा तैयार करना जबकि तीसरे और अंतिम चरण में धागे से कपड़ा तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जायेगा। रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल ने कहा प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को बाजार भी मुहैया कराया जायेगा।
सचिव ग्राम्य विकास डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बिच्छू घास से बने उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने और आजिविका साधन बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पहाड़ी उत्पादों को देश विदेश में पहचान दिलाई जाएगी।
इस अवसर पर डीएम वंदना, मुख्य विकास अधिकारी अंशुल सिंह, जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर हिमालयन पीठाधीश्वर स्वामी वीरेंद्रानंद, संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत जयकिशन, जिला परियोजना प्रबंधक ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना कैलाश भट्ट समेत समेत जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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